दोस्तों Bluetooth क्या है, यह तो आप जानते ही होंगे, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि यह Technology कैसे काम करती है और यह Device एक दूसरे से कैसे Connect होती है। हम आज आपको बताएंगे।
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Bluetooth क्या है और कैसे काम करता हैं
दोस्तों Bluetooth के बारे में कौन नहीं जानता शायद ही कोई हो, जो अभी तक Bluetooth के बारे में नहीं जानता हो,
लेकिन आज के समय में ऐसा व्यक्ति मिलना बहुत मुश्किल है जिसके पास Smart Phone ना हो यही कारण है कि आज Smart Phone के युग में इस Technology ने हमें और Smart बना दिया है। आइए अब जानते हैं यह Technology क्या हैं और कैसे काम करती हैं
Bluetooth एक बिना तार की Wireless Device है जो बहुत ही कम दूरी में दो या दो से अधिक Bluetooth device के साथ मिलकर काम करने वाली Device हैं। जैसे :-
- Mobile Phones
- Laptops
- Printers
- Cameras
- Video
- Games
- Computers
मे बिना किसी वायर की सहायता से Data Transfer करने का काम करती है। Bluetooth एक ऐसी Device है जो एक Device से दुसरी Device को Connect करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करती है।
यह ऐसी Technology है जो लगभग 100 मीटर के दायरे में रहकर ही अपना कार्य करती है।
इस Technology का नाम Bluetooth कैसे पढ़ा
क्या आपने कभी सोचा है। इस Technology का नाम Bluetooth ही क्यों रखा है, यह बात 10 वीं सदी की है, जब डेनमार्क के राजा है
Harald Bluetooth Gormsson ने नॉर्वे के प्रति एक कूटनीति की चाल चली जिसके तहत युद्ध न करके समझौता करने की सहमति बनी और इस राजा ने अपने शासनकाल के दौरान डेनमार्क और नार्वे को एक साथ जोड़ दिया था।
जिस तरह वर्तमान में एक Bluetooth Device दूसरी Bluetooth Device के साथ जुड़ जाती है और जब Harald Gormsson का एक दांत टूटा तो यह नीले रंग का था जिस कारण इस Technology का नाम Bluetooth पडा यह वैज्ञानिकों की रिसर्च के द्वारा माना जाता है।
Bluetooth Technology कैसे काम करती है
दोस्तों यह तो आप जानते हैं कि Bluetooth के माध्यम से आप एक Device से दूसरी Device में किसी भी प्रकार का Data Transfer कर सकते हैं। जैसे Photo Songs Video Documents Games आदि लेकिन क्या आपने यह जानने की कोशिश करी हैं
कि Data Transfer होता कैसे है, यदि नहीं तो आइए हम बताते हैं दोस्तों जब आप एक Device को दुसरी Device सेे Connect करते हैं।
तब दोनों Devices से रेडियो जैसी तरंगे निकलती हैं जो लगभग 1 मीटर से 10 मीटर या फिर 50 मीटर तक का एरिया कवर करती हैं। और यह तिरंगे दोनो Devices से निकलने वाली तरंगों के साथ जुड़ने की कोशिश करती है
फिर यह तरंगे एक Device को दूसरी Device से जोड़ देती हैं। अब आप Bluetooth के माध्यम से किसी भी प्रकार का Data इधर से उधर Transfer कर सकते हैं।
अब बात आती है कि Data Transfer होता कैसे है। Data Transfer करने के लिए उन्हीं रेडियो बेब तरंगों का इस्तेमाल होता है जिसके द्वारा एक Device को दुसरी Device से Connect किया जाता है
और इस Bluetooth Technology मे Data Transfer करने की स्पीड लगभग 720KBPS की होती है और 2.45 GH2 गीगा हर्ट तरंगों का उपयोग होता है, लेकिन Data Receive करने के लिए 79 चैनलों का प्रयोग होता है जिसके द्वारा Data Transfer किया जाता है।
Bluetooth का आविष्कार कब हुआ
पहली बार Bluetooth का अविष्कार 1994 में रेडियो प्रणाली पर काम कर रहे हैं। Hartson के द्वारा किया गया था। Hartson उस समय नीदरलैंड में एम्मेन स्थान पर स्थित रेडियो सिस्टम पर काम कर रहे थे।
इसके लिए 6 बड़ी कंपनियों ने Sony Ericsson, Nokia, Posniba, IBM, Intel, Ericsson जैसी कंपनियों ने मिलकर 20 मई 1994 को Formed Bluetooth Special Interest Group का गठन हुआ।
Bluetooth के कौन-कौन से Version मार्केट में उपलब्ध है
- V1.2
- V2.0
- V2.1
- V3.0
- V4.0
- V4.1
- V5.0
Bluetooth के यह सभी Version मार्केट में उपलब्ध है। इन सभी Version की स्पीड अलग अलग हो सकती हैं।
Bluetooth Network क्या है
Bluetooth Network उसे कहते हैं जब एक ही जगह पर कई सारे Bluetooth Users आपस में Connect होकर Data का आदान प्रदान कर रहे होते हैं तब उस Network को Bluetooth Network कहा जाता है।
इन Network में दो Element पाए जाते हैं।
- Master
- Slave
जब Bluetooth Network में कई सारी Users एक साथ Connect होते हैं तब एक Master Device और अन्य सभी Salve Devic कहलाती है। Master Device वह होती है।
जब Bluetooth Network पर कई सारी Device एक साथ Connect होती है तब एक Device से अन्य सभी Devices को Data भेजा जाता है। उसे Master Device कहते हैं और अन्य सभी Devices जो Data Receive कर रही होती है, उन्हें Slave Device कहते है।
Bluetooth Technology में दो तरह के Network पाए जाते हैं।
- Piconet
- Scatternet
Piconet Network उसे कहते हैं जब एक Master Device और एक Slave Device आपस में जुड़े होते हैं या फिर एक Mastar Device और अन्य सभी Slave Devices आपस में जुड़े होते हैं।
तब इसे Pocket Network कहा जाता है। Piconet Network मे साथ Slave Device और एक Mastar Device हीं रह सकते हैं क्योंकि जब एक Mastar Device Data भेजता है तो अन्य सभी Slave Device Data Recevie करते हैं तब इसे Piconet Network कहते हैं।
Scatternet Network मे Multiple Piconet के Combination को Scatternet Network कहा जाता है जैसे एक Mastar Device से एक Slave Device जुडी है। और यही Slave Device किसी दूसरी Mastar Device Piconet को Data भेज रही है। और फिर यही Mastar Device अन्य सभी Slave Debices को Data भेज रही होती है तब यह Scattered Network कहलाता है।
Bluetooth के फायदे
- Bluetooth एक Wireless Technology है जिसे आप किसी भी दूसरी Bluetooth Device के साथ Connect कर सकते हैं।
- आप एक Device से दूसरी Device में Data Transfer व Received कर सकते हैं।
- इस Bluetooth Technology का इस्तेमाल बहुत से Product के लिए किया जाता है जैसे :- Mobile Handset, Car System, Printer, Webcom, GPS System, Keyboard, Mouse, Speaker, Sound Box, Home Theatres, Headphone.
- इस Bluetooth Technology की क्षमता बहुत अधिक होती है। आप दीवार के आर-पार भी Data Transfer कर सकते हैं।
- यह Bluetooth बहुत सस्ती होती है।
- इसमें Pawar की बहुत कम जरूरत पड़ती है।
- Bluetooth पूरी सिक्योरिटी के साथ आपका Data Transfer करता है।
- यह बहुत कम दूरी में काम करने वाली Device है।
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